मां, मुझे तंदुरुस्त बनना है साइकिल की सवारी करना है. मां, मुझे तंदुरुस्त बनना है साइकिल की सवारी करना है.
साइकिल के पहियों सी है ये जिंदगी कभी हवा आगे की तो कभी पीछे की कम हो जाती है! साइकिल के पहियों सी है ये जिंदगी कभी हवा आगे की तो कभी पीछे की कम हो जाती है!
स्कूल जाना उससे रोज दोस्तों को बैठना उस पे रोज कइयों ने चलाई थी स्कूल जाना उससे रोज दोस्तों को बैठना उस पे रोज कइयों ने चलाई थी
शील, समाधी, ज्ञान से अच्छे गुण आ जाय । शील, समाधी, ज्ञान से अच्छे गुण आ जाय ।
फल तो़ड़कर खाती और पक्षियों के घोंसले सजाती थी। फल तो़ड़कर खाती और पक्षियों के घोंसले सजाती थी।